विकट समय व्यक्ति की आध्यात्मिक अवस्था को उजागर करता है
 

"दाफा का शिष्य" होने से बढ़कर कोई पदवी नहीं है। इसका अर्थ है कि वह ब्रह्मांड के सर्वोच्च, महान मार्ग का अनुसरण करता है, और उसके जीवन का मूल उद्देश्य अपने गुरु की जीवों को बचाने में मदद करना है। ऐसे व्यक्ति के लिए, सबसे पहले और महत्वपूर्ण स्वयं अपना आध्यात्मिक विकास करना और साथ ही हर समय और हर स्थान पर दाफा की रक्षा करना है।

इसका अर्थ यह है कि, प्रत्येक परिस्थिति में, व्यक्ति को एक साधक के मानकों का पालन करना चाहिए, दाफा को प्राथमिकता देनी चाहिए, और हर चीज़ को शिक्षाओं के प्रकाश में देखना चाहिए। हम अंत समय में इतिहास के एक महत्वपूर्ण क्षण में हैं, जब महान मार्ग सृष्टि का नवीनीकरण कर रहा है और मानवजाति को उद्धार का अवसर दिया जा रहा है। इसलिए, चाहे कोई भी समस्या उत्पन्न हो, और भी अधिक आवश्यक हो जाता है कि आप उसे आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखें; दाफा को अन्य सभी चीजों से ऊपर रखें; और अपने मन में सबसे आगे रखें, और यही ध्यान रखें कि दाफा अभ्यासियों की पहल को सुरक्षित रखा जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि वे जीवों बचाने के अपने प्रयासों में सफल हों। यदि आप किसी भी स्वार्थी भावना या विचार को महत्वपूर्ण क्षणों में अपने मन में स्थान देते हैं, तो आप अनजाने में दुष्ट शक्तियों का कार्य ही कर रहे हैं। जो भी अभ्यासियों के प्रयासों को अन्दर से बाधित करने की कोशिश कर रहा है, उसे यह समझ लेना चाहिए: असंख्य दिव्य प्राणी इसे देख रहे हैं। प्राचीन शक्तियाँ इसे देख रही हैं। और लाल असुर भी इसे देख रहा है।

दाफा ब्रह्मांड का मार्ग है, और यह किसी भी प्रकार की क्षति से परे है। इस संसार में वास्तव में जो हो रहा है, वह यह है कि दाफा जीवों का उद्धार कर रहा है! और वास्तव में जो मायने रखता है, वह यह है कि लोगों के विचार और उद्देश्य इस कसौटी पर खरे उतरते हैं या नहीं— ना कि यह कि संगठन में किसके पास कौन सा पद है या वह पद कितना महत्वपूर्ण है। ऐसी परिस्थितियों में, सभी को एक साझे उद्देश्य के साथ एकजुट होना चाहिए, दाफा को सर्वोपरि रखना चाहिए, एक अभ्यासी के अनुरूप आत्मसंयम रखना चाहिए, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जीवों को बचाने की आपकी पहल को कोई क्षति न पहुँचे, और कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ काम करते हुए कठिनाइयों से पार पाना चाहिए। इस प्रकार आध्यात्मिक मार्ग का पालन करने वाले व्यक्ति को कार्य करना चाहिए। और इसी से आपकी आध्यात्मिक महानता गढ़ी जाएगी। क्योंकि यह एक परीक्षा है जिसे आपको पार करना है।

क्या यह आपके ध्यान में नहीं आया कि, अंतिम समय में, यह उन लोगों को प्रकट करने का एक साधन भी है जिन्होंने वास्तव में अभ्यास नहीं किया, जो केवल दिखावा कर रहे थे, या जिनके पास वास्तव में स्वयं पर काम करने की लगन नहीं थी? क्या यह आपको नहीं लगा कि अंत समय में जैसे-जैसे जीवों को बचाया जा रहा है, वैसे ही हमारे अपने दाफा समुदाय के अन्दर भी शुद्धिकरण हो रहा है?

किसी को भी दाफा समुदाय में अशांति उत्पन्न नहीं करनी चाहिए। यह हमारे अभ्यास को बाधित करने के समान है! जिसने भी ऐसा किया है, उसे अब अपनी गलती सुधारनी चाहिए! समय बहुत कम बचा है!

आपके गुरु,

होंगज़ी ली

2 फरवरी, 2025